प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022 | कृषि सिंचाई यंत्रों पर मिलेगी 90 फीसदी सब्सिडी, अभी आवेदन करें

किसानों की आमदनी को बढ़ाने में और कृषि क्षेत्र को विकास के नए आयाम देने के लिए सरकार की ओर से नई नई योजनाएं चलाई जा रही है, इसी क्रम में अब सरकार ने सिंचाई की आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए किसानों को 90 फीसदी तक सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा माइक्रो इरीगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए किसानों को यह अनुदान प्रदान किया जाएगा.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022

बूंद बूंद सिंचाई से होती है पानी की बचत

इस तकनीक के अंतर्गत सिंचाई करने पर जड़ों में बूंद बूंद पानी जाता है, जिससे पानी की बर्वादी कम से कम होती है तथा फसल को अधिकतम लाभ प्राप्त होता है. वहीं स्प्रिंक्लर विधि में खेत में जगह जगह फब्बारे नुमा पानी के पाइप लगाए जाते हैं जिनसे बारिश की बूंदों की तरह फसल पर पानी का छिड़काव किया जाता है जिससे फसल को बरसात के पानी की तरह का लाभ प्राप्त होता है और फसल अच्छी होती है.

ज्ञातव्य हो कि सिंचाई की इस विधि में पानी को खेतों में बनाई गई कच्ची नाली के सहारे फसल तक ले जाया जाता है जिससे बहुत अधिक पानी फसल तक पहुंचने से पहले ही बर्बाद हो जाता है. इसीलिए अब सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई की नई तकनीकों से जोड़ा जाए.

ड्रिप इरिगेशन के फायदे

 ड्रिप इरिगेशन यानी बूंद बूंद सिंचाई कृषि क्षेत्र के लिए एक वरदान की तरह कार्य करती है, इस तकनीक की मदद से पानी की हर बूंद का इस्तेमाल खेती के लिए संभव हो पाता है. इस तकनीक में पानी की बर्बादी रूकती है तथा फसल को पानी का पूरा लाभ मिल पाता है. ड्रिप इरिगेशन में पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 70 फ़ीसदी तक कम पानी की खपत होती है. इस तकनीक के द्वारा फसलों के उत्पादन में भी 40% की वृद्धि देखी गई है, सबसे बड़ी बात यह है कि ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से सिंचाई के समय मजदूरी पर होने वाले व्यय में 70 से 80 फीसद तक की कमी देखने को मिलती है.

 उर्वरक पहुंचते हैं सीधे पौधों की जड़ों तक

 इस तकनीक के माध्यम से उर्वरकों को भी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जा सकता है जिससे न केवल पौधों को सही पोषण मिलता है बल्कि 20 से 30% तक उर्वरकों की भी बचत होती है, ऐसे में फसल उत्पादन की लागत कम होती है और किसान का खर्चा बचता है. यही कारण है कि इस समय अधिकतर किसान ड्रिप इरिगेशन पद्धति को अपना रहे हैं।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कब शुरू हुई

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत 2015 में की गई थी. इस योजना का उद्देश्य पानी की बर्बादी को कम करना और सिंचाई में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई की नई तकनीकी अपनाने के लिए 70 फ़ीसदी से लेकर 90  फीसदी तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है. यह योजना देश के लगभग सभी राज्यों में केंद्र एवं राज्य सरकार के समन्वय से चलाई जा रही है.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बिहार- यहां आवेदन करें

 प्रधानमंत्री कृषि योजना में 90 कृषि अनुदान पर सिंचाई की आधुनिक तकनीक लेने के लिए बिहार राज्य के निवासी बिहार सरकार की वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/Home.aspx पर जाकर अपना आवेदन भर सकते हैं।

 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना उत्तर प्रदेश यहां आवेदन करें

 प्रधानमंत्री कृषि योजना के अंतर्गत अनुदान पर कृषि यंत्र पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट https://uphorticulture.gov.in/hi/article/micro-irrigation पर जाकर अपना आवेदन सबमिट कर सकते हैं.

Leave a Comment